संधारित्र [capacitor ] ,धारिता [capacitance ]
इस पोस्ट में हम कैपेसिटर की बनावट व धारिता के बारे में पढेंगे ,इसके पहले हम प्रेरक एवं प्रेरकत्व के बारे में पढ़ चुके है।
कैपेसिटर >>
कैपेसिटर मुख्य रूप से चालक प्लेटो के बीच विद्युत रोधी पदार्थ भरके तैयार किये जाते हे। सामान्य अवस्था में इन प्लेटो पर इलेक्ट्रान समान रूप से उपस्थित रहते है किन्तु किसी कैपेसिटर को आवेशित करते समय विद्युत स्त्रोत से जोड़ने पर इलेक्ट्रॉन व् प्रोटोन अलग अलग प्लेट पर एकत्र हो जाते है।
जिस प्लेट पर अधिक इलेक्ट्रान होते है उसे ऋणावेशित प्लेट तथा जिस प्लेट पर प्रोटोन अधिक होते है उसे धनावेशित प्लेट कहते हे।
इस प्रक्रिया के दौरान केपेसीटर व स्त्रोत के वोल्टेज का मान बराबर होने तक केपेसीटर परिपथ से धारा लेता है ,वोल्टेज बराबर होने पर धारा का मान शून्य हो जायेगा व केपेसीटर भी पूरी तरह आवेशित हो जायेगा।
आम बोलचाल भाषा में कैपेसिटर को कंडेंसर भी कहते हे।
आम बोलचाल भाषा में कैपेसिटर को कंडेंसर भी कहते हे।
धारिता >>>
किसी केपेसीटर की आवेश स्टोर करने की क्षमता को उसकी धारिता कहते हे। इसका प्रतीक C एवं मात्रक फैरड {F} हे। .
किसी केपेसीटर की धारिता>> C = Q / V
किसी केपेसीटर की धारिता 4 कारको निर्भर करती हे -
1} प्लेट का आकार C ∝ A
> प्लेट का आकार बढ़ने पर किसी केपेसीटर की धारिता बढ़ती हे।
2 } प्लेट की संख्या C ∝ N-1
> प्लेट की संख्या बढ़ने पर किसी केपेसीटर की धारिता बढ़ती हे।
3 } परावैद्युत माध्यम की मोटाई C ∝ 1 / t
परावैद्युत माध्यम की मोटाई बढ़ने पर किसी केपेसीटर की धारिता घटती हे।
4} परावैद्युत स्थिरांक C ∝ K
परावैद्युत स्थिरांक का मतलब प्लेटो के बिच भरे जाने वाले अचालक पदार्थ के ध्रुवण स्तर से है।
केपेसीटर के प्रकार
A } कार्य के आधार पर B ] परावैद्युत माध्यम आधार पर
>> केपेसीटर कार्य के आधार पर 3 प्रकार के होते है।
1 . स्थिर मान केपेसीटर
2 समायोजनीय केपेसीटर
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