LAW OF RESISTENCE, प्रतिरोध के नियम
प्रतिरोध पदार्थो का वह स्वभाविक गुण हे ,जिससे पदार्थ अपने में बहने वाली धारा का विरोध करता है इसका प्रतीक R हे।
>प्रतिरोध का मात्रक ओह्म होता हे इसे Ω से दर्शाते हे।1 किसी पदार्थ का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है।
R ∝ L
> किसी चालक का प्रतिरोध उसकी लम्बाई बढ़ने पर बढ़ता हे एवं लम्बाई घटने पर घटता हे।
2 किसी पदार्थ का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के विलोमानुपाती होता हे।
R ∝1/A
> किसी चालक का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल बढ़ने पर घटता हे एवं घटने पर बढ़ता हे।
R=ρL/A
> R= प्रतिरोध
> L= लम्बाई
> A=अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल
> ρ= विशिष्ट प्रतिरोध
विशिष्ट प्रतिरोध,या प्रतिरोधकता
>किसी तार के 1 से. मी.लम्बाई व 1वर्ग cm कटाक्ष क्षेत्रफल भाग का प्रतिरोध उस तार की विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता कहलाती हे।>विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता का मात्रक =ओह्म-से. मी.
> किसी पदार्थ का विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता उस पदार्थ के प्रतिरोध स्तर को बताती है , यह प्रत्येक पदार्थ की अलग अलग होती है।
.> प्रतिरोधकता तार के निर्माण में उपयुक्त पदार्थ पर निर्भर करती है।
> लम्बाई और कटाक्ष क्षेत्रफल में बदलाव करने से प्रतिरोधकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
>विशिष्ट प्रतिरोध या प्रतिरोधकता बढ़ने पर चालकता घटती हे।
> चालकों में सबसे कम प्रतिरोधकता ताम्बे की है।
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inductance
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