ohm's law ,ओह्म का नियम
सर जॉर्ज साइमन ओह्म ने एक नियम स्थापित किया था , यह नियम किसी बंद परिपथ में वोल्टेज ,धारा व प्रतिरोध के मध्य सम्बन्ध दर्शाता है।
>>> नियम -यदि किसी चालक या प्रतिरोध की भौतिक परिस्थितियों में बदलाव न किया जाये ,तो चालक या प्रतिरोध में बहने वाली धारा ,उनके सिरों पर लगाए गए विभवांतर के साथ समान अनुपात में घटती या बढ़ती हे।
>भौतिक परिस्तिथियों से आशय -ताप ,दाब ,चालक की लम्बाई ,चालक की अनुप्रस्थ काट आदि।
V ∝ I
V =R I
V = वोल्टेज
I = धारा
अब हम इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझेंगे।
हम इस चित्र में दिए गए परिपथ में तीन टेस्ट करेंगे।
इस परिपथ में उपयुक्त सामग्री -
1 अमीटर {धारा मापने के लिए [श्रेणी क्रम में ]}
1 वोल्ट्मीटर {वोल्टेज मापने के लिए [समांतर क्रम में ]}
1 6 VOLT बैटरी
1 परिवर्ती प्रतिरोध वोलटेज को समायोजित करने के लिए
1 2 Ω का नियतमान [FIX ] प्रतिरोध [लोड के रूप में]
चरण 1 में हम परिपथ को 2 वोल्टेज देंगे।
इस समय लोड प्रतिरोध द्वारा ली गई धारा
[ I =V /R से ]
I =2 /2
I =1 एम्पियर
चरण 2 में हम परिपथ को 4 वोल्टेज देंगे।
इस समय लोड प्रतिरोध द्वारा ली गई धारा [ I =V /R से ]
I =4/2
I =2 एम्पियर
चरण 3 में हम परिपथ को 6 वोल्टेज देंगे।
इस समय लोड प्रतिरोध द्वारा ली गई धारा [ I =V /R से ]
I =6 /2
I =3 एम्पियर
अतः स्पष्ट है की किसी चालक या प्रतिरोध की भौतिक परिस्थितियों में बदलाव न किया जाये ,तो चालक या प्रतिरोध में बहने वाली धारा ,उनके सिरों पर लगाए गए विभवांतर के साथ समान अनुपात में घटती या बढ़ती हे।
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